पत्नी चलाती हैं नोएडा में स्कूल, जानिए देश के नए CJI यूयू ललित के परिवार की कहानी

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आज यानी शनिवार का दिन देश के लिए खास है. भारतीय शास्त्रों में शनि को न्याय का ग्रह देव माना गया है. शनिवार को ही सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में ललित युग का उदय हुआ है. आपको बता दें कि न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण कर ली है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई है. इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए.

इसलिए औरों से अलग हैं जस्टिस ललित

जस्टिस उदय उमेश ललित के 49वें मुख्य न्यायाधीश पद के शपथ ग्रहण की साक्षी उनके परिवार की चार पीढियां बनीं. बॉम्बे से दिल्ली आने के बाद मयूर विहार के फ्लैट से शुरु हुआ जस्टिस उदय उमेश ललित पेशेवर जीवन राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में शपथ ग्रहण तक पहुंचा है. दिल्ली में अपनी अलग शैली से वकालत के क्षेत्र में धाक जमाते हुए जस्टिस ललित ने टॉप के क्रिमिनल लॉयर के रूप में पहचान बनाई. उन्होंने साबित किया कि अपने नायाब तर्कों, दलीलों से सौम्य व्यक्तित्व वाला मृदु भाषी व्यक्ति कैसे मुकदमे और दिल जीतता है. कानून की स्पष्ट समझ, सुलझा हुआ व्यक्तित्व और कानून की पेचीदगी समझाने की सरल शैली जस्टिस ललित को भीड़ से अलग और ऊपर करती है.

जस्टिस ललित के परिवार में एक सदी से ज्यादा समय यानी कई पीढ़ियों से विधि और न्यायशास्त्र के विद्वान रहे हैं. जस्टिस ललित के दादा रंगनाथ ललित महाराष्ट्र के सोलापुर में वकालत करते थे जबकि पिता उमेश रंगनाथ ललित ने सोलापुर से वकालत शुरू की. मुंबई और महाराष्ट्र में वकालत में नाम कमाया और फिर मुंबई हाईकोर्ट में जज भी बने.

पत्नी चलाती हैं नोएडा में स्कूल

हां, जस्टिस उदय उमेश ललित की पत्नी अमिता उदय ललित का पेशेवर जीवन वकालत से नहीं जुड़ा है. वो पेशे से शिक्षाविद हैं और नोएडा में दशकों से बच्चों का स्कूल चलाती हैं. अगली पीढ़ी में दो पुत्र हैं जस्टिस ललित और अमिता ललित के. बड़ा बेटा श्रेयस और उसकी पत्नी रवीना दोनों पेशेवर वकील हैं. श्रेयस ने आईआईटी गुहाटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने के बाद वकालत को पेशा बनाया है. वहीं, छोटा बेटा हर्षद अपनी पत्नी राधिका के साथ अमेरिका में पेशेवर जीवन में है.

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बता दें कि जस्टिस ललित के शपथ ग्रहण समारोह में उनके 90 वर्षीय पिता उमेश रंगनाथ ललित और परिवार के सबसे छोटे सदस्यों के रूप में पोते-पोतियां भी शामिल हुए.

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