डिप्टी CM पाठक ने डॉक्टरों के ट्रांसफर मामले में जताई थी आपत्ति, अब 5 लोग करेंगे इसकी जांच

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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में मौजूदा सत्र में हुए तबादलों पर सवाल खड़ा किया था. उपमुख्यमंत्री पाठक ने कहा था कि ‘वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गए हैं उनमें स्थानांतरण नीति का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है.’ साथ ही उन्होंने ACS (हेल्थ) अमित मोहन प्रसाद को कारण स्पष्ट करते हुए संपूर्ण विवरण उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए थे. वहीं, अब इस मामले में DG (हेल्थ) लिली सिंह ने ACS (हेल्थ) अमित मोहन प्रसाद के आदेश पर हुए ट्रांसफर की जांच करवाने के लिए गठित समिति को संशोधित करते हुए नई समिति गठित की है.

लिली सिंह की ओर से जारी चिठ्ठी के अनुसार, इस मामले में पांच लोगों की जांच कमिटी बनाई गई है. समिति में डॉ. अशोक कुमार, डॉ. अविनाश कुमार, डॉ. आभा वर्मा, डॉ. शैलेश कुमार और डॉक्टर पंकज सक्सेना शामिल हैं. समिति को तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. चिठ्ठी में बताया गया है कि ट्रांसफर को लेकर कई जगह से शिकायतें आई थीं.

इससे पहले पाठक ने क्या कहा था?

स्वास्थ्य महकमे में हुए तबादलों की शिकायत मिलने के बाद एसीएस को भेजे अपने पत्र में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा था,

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“मुझे यह भी बताया गया है कि लखनऊ सहित राज्य के अन्य जिलों में स्थित बड़े अस्पतालों जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की अत्यंत आवश्यकता है, वहां से बड़ी संख्या में डॉक्टरों को हटा तो दिया गया है, लेकिन उनके स्‍थान पर नियुक्तियां नहीं की गई हैं.”

ब्रजेश पाठक

तबादलों की खामियों को गिनाते हुए उपमुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा था, ‘‘लखनऊ प्रदेश की राजधानी है, यहां ऐसे भी विशेषज्ञ डॉक्टरों की पहले से ही कमी है तथा राज्य के हर जिले से गंभीर मरीजों को लखनऊ रेफर किया जाता है ताकि उनका समुचित इलाज संभव हो सके.”

उन्होंने पूछा, “इतने महत्वपूर्ण और बड़े अस्पतालों तथा अन्य जिलों के बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों का स्थानांतरण कर देने व उनके स्थान पर किसी को नियुक्त नहीं करने से चिकित्‍सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है.”

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उपमुख्‍यमंत्री ने अपर मुख्‍य सचिव से यह भी पूछा कि जिन-जिन डॉक्टरों का तबादला किया गया है, क्या यह सत्यापित कर लिया गया है कि स्थानांतरित डॉक्टरों की अवधि से अधिक समय से तैनात कोई भी चिकित्‍साधिकारी उस जिले, मंडल और अस्पताल में अब कार्यरत नहीं है. उन्होंने सम्‍बद्ध चिकित्‍सा अधिकारियों का विवरण समेत पूरा ब्यौरा मांगा.

गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की पहली सरकार (2017-2022) में कैबिनेट मंत्री रहे ब्रजेश पाठक ने वर्ष 2021 में कोविड-19 महामारी के दौरान अप्रैल महीने में अपर मुख्‍य सचिव को पत्र लिखकर लखनऊ की अव्यवस्था का जिक्र करते हुए नाराजगी जताई थी.

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