चांदी की मछली, दिखती बिल्कुल असली! इस कारीगरी पर खुश हो अंग्रेज राजकुमारी ने दिया था मेडल!

नाहिद अंसारी

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यूपी के बुंदेलखंड इलाके में दिवाली आते ही ‘चांदी की मछली’ की धूम मच जाती है.

बिल्कुल असल, जिंदा दिखने वाली चांदी की मछली के बिना बुंदेलखंड में दिवाली और धनतेरस पूजा अधूरी रहती है.

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यहां चांदी की मछली 5 ग्राम से लेकर 5 किलो तक के वजन में उपलब्ध है. हमीरपुर का एक परिवार पीढ़ियों से इस कारोबार में लगा है.

ब्रिटिश शासन में अंग्रेज राजकुमारी को भी यह परिवार चांदी की मछली भेंट कर चुका है. तब राजकुमारी ने मछली की खूबसूरती देख इन्हें मेडल भी दिया था.

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मछली बनाने की इसी कला के कारण इस परिवार का नाम आईने अकबरी पुस्तक में भी दर्ज है !

यहां बड़ी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित रमेश शास्त्रीय बताते हैं कि मीन यानी मछली समृद्धि की प्रतीक है और दस अवतारों में मत्स्य अवतार भी था.

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कहते हैं कि सुबह मछली को देखने से समृद्धि आती है और रोगों से भी मुक्ति मिलती है. इसलिए यहां लोग धनतेरस या दिवाली में चांदी की मछली खरीदते हैं.

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