असम के कांवड़ियों का अनोखा रंग, ढोलक-झाल और मजीरा लेकर सड़कों पर शिव भक्ति के गीत गा रहे

उदय गुप्ता

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चंदौली के दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पर कांवड़ियों की लगातार भीड़ हो रही है. यहां से ट्रेनों को पकड़कर कांवड़िया देवघर की तरह रवाना हो रहे हैं.

वहीं दूरदराज के राज्यों से भी बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए कांवड़िये दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंच रहे हैं.

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दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से वाराणसी में बाबा विश्वनाथ को जलाभिषेक करने के बाद ट्रेनों के माध्यम से कांवड़िये वापस लौट रहे हैं.

इस दौरान कांवड़िये अपने साथ ढोलक, झाल और मजीरा लेकर भी चल रहे हैं और शिव भक्ति के गीत गाकर अलग ही समा बांध रहे हैं.

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ये कांवड़िये असम के रहने वाले हैं. 30 सदस्यों का असम का यह ग्रुप अपने इस कांवड़ यात्रा के दौरान भजन कीर्तन भी कर रहा है.

पहले तो हिंदी भाषा में शिव भक्ति के गीत गा रहे हैं. उसके बाद असमिया में भी यह शिव भक्त गीत प्रस्तुत कर रहे हैं.

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बता दें कि असम के गुवाहाटी का यह त्रिकाल ग्रुप है, जिसके 30 मेंबर हर साल सावन के महीने में किसी न किसी ज्योतिर्लिंग का दर्शन करते हैं.

इस साल सावन में यह ग्रुप बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने वाराणसी आया था.

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