कौशांबी की मंजू के पेट से निकला 1.5 फीट लंबा बालों का गुच्छा, उसकी ये आदत जान डॉक्टर भी रह गए हैरान

UP News: कौशांबी में एक 21 वर्षीय युवती मंजू के पेट से डॉक्टरों ने लगभग आधा किलो बालों का गुच्छा (ट्राइकोबेज़ोअर) निकाला. बाल खाने की आदत (ट्राइकोफेगिया) के कारण यह जानलेवा स्थिति बन गई थी.

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आनंद राज

• 12:17 PM • 20 Jul 2025

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UP News: मानसिक बीमारी PICA और उसके तहत आने वाली आदत Trichophagia (बाल खाने की लत) 21 वर्षीय एक युवती के लिए जानलेवा साबित हो रही थी. कौशांबी जिले की अंडवा पश्चिम शरीरा सरसावा की रहने वाली मंजू (बदला हुआ नाम) को बाल खाने की यह आदत बचपन से थी. वह अपने और दूसरों के बाल नोचकर खा जाती थी, जिससे धीरे-धीरे उसके पेट में बालों का एक विशाल गुच्छा बन गया, जिसे मेडिकल भाषा में Trichobezoar कहा जाता है.

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पेट से निकला आधे किलो बालों का गुच्छा

लंबे समय तक मंजू को पेट दर्द, उल्टियां, भूख न लगना और वजन कम होने जैसी गंभीर समस्याएं होने लगीं. कई अस्पतालों के चक्कर लगाए गए, कई अल्ट्रासाउंड भी कराए गए, लेकिन सही बीमारी की पहचान नहीं हो सकी. मंजू की स्थिति बिगड़ती गई, पर कोई डॉक्टर ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं हुआ. 

नारायण स्वरूप हॉस्पिटल में लौटी उम्मीद

आखिरकार मंजू को प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल लाया गया, जहां वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजीव सिंह, डॉ. विशाल केवलानी, डॉ. योगेंद्र और डॉ. राज मौर्य की टीम ने तुरंत स्थिति को गंभीरता से समझा और जोखिम उठाते हुए ऑपरेशन का फैसला लिया.

मंजू के पेट की थैली (Stomach) को सावधानी से ओपन किया गया. अंदर बालों का एक लगभग 500 ग्राम वजनी, 1.5 फीट लंबा और 10 सेंटीमीटर मोटा गुच्छा निकला गया जो आपस में चिपककर एक ठोस ट्यूमर जैसी आकृति बन गया था.  इसे पूरी तरह निकालने में लगभग दो घंटे का जटिल ऑपरेशन हुआ। इसके बाद आंतों की सफाई कर पेट की मरम्मत की गई. 

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अगर समय पर नहीं होता ऑपरेशन तो क्या होता?

विशेषज्ञों के मुताबिक अगर यह बालों का गुच्छा (Trichobezoar) समय रहते नहीं निकाला जाता, तो यह आंतों में ब्लॉकेज, इंफेक्शन, पाचन तंत्र फेलियर या यहां तक कि मौत का कारण भी बन सकता था. 

अब कैसी है मंजू?

आज मंजू पूरी तरह सुरक्षित है, सामान्य भोजन कर रही है और साथ ही मानसिक परामर्श भी ले रही है ताकि भविष्य में ऐसी मानसिक आदतें फिर न दोहराई जाएं. ऑपरेशन के बाद न सिर्फ उसका शारीरिक स्वास्थ्य बेहतर हुआ है, बल्कि मानसिक स्थिति में भी सुधार आ रहा है. 

क्या है Trichophagia और क्यों है ये खतरनाक?

Trichophagia एक मानसिक विकार है जिसमें व्यक्ति बाल खाने लगता है. यह अक्सर मानसिक बीमारी PICA का हिस्सा होती है जिसमें व्यक्ति ऐसी चीजें खाता है जो भोजन योग्य नहीं होतीं (जैसे मिट्टी, कागज, बाल आदि)।जब कोई लगातार बाल खाता है, तो ये बाल पेट में जाकर इकट्ठे हो जाते हैं और Trichobezoar बना लेते हैं, जो आगे जाकर जानलेवा हो सकता है. डॉ. राजीव सिंह ने कहा, "यह केस मेडिकल साइंस के लिए एक अलर्ट और अचीवमेंट दोनों है.”

नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के निदेशक और सीनियर सर्जन डॉ. राजीव सिंह ने बताया, “यह केस बेहद चुनौतीपूर्ण था. बालों का गुच्छा निकालना आसान नहीं था क्योंकि थोड़ी सी भी गलती से आंतें फट सकती थीं. पर ऑपरेशन सफल रहा, और अब मरीज पूरी तरह स्वस्थ है। यह एक बड़ी मेडिकल अचीवमेंट है.”

ये केस क्यों है एक बड़ी चेतावनी?

  • बच्चों या किशोरों के असामान्य व्यवहार को नजरअंदाज न करें.
  • मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक.
  • समय पर सही मेडिकल और साइकोलॉजिकल हस्तक्षेप जान बचा सकता है. 
  • डॉक्टरों और परिवार दोनों की भूमिका इलाज में बराबर होती है. 

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