UP News: उत्तर प्रदेश के राजनीतिक पटल पर मिल्कीपुर विधानसभा सीट का उपचुनाव चर्चा का केंद्र बन गया है. निर्वाचन आयोग ने आखिरकार इस बहुप्रतीक्षित उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा रही यह सीट भाजपा और सपा दोनों के लिए बेहद अहम मानी जा रही है.
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मिल्कीपुर में कब होगी वोटिंग और कब आएगा नतीजा?
चुनाव आयोग के अनुसार, 5 फरवरी को वोटिंग होगी और मतगणना 8 फरवरी को की जाएगी. इस दौरान पूरे निर्वाचन क्षेत्र में आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी.
मिल्कीपुर में क्यों हो रहा है उपचुनाव?
मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव कराने की जरूरत तब पड़ी जब सपा नेता अवधेश प्रसाद, जो इस सीट से विधायक थे, 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद फैजाबाद लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया, जिससे यह सीट खाली हो गई. हालांकि, 2022 के विधानसभा चुनाव के परिणामों को लेकर कानूनी अड़चनों के कारण यहां उपचुनाव टल गया था. अब अदालत में याचिकाएं वापस लेने के बाद चुनाव का रास्ता साफ हो गया है.
भाजपा और सपा के लिए क्यों अहम है मिल्कीपुर का उपचुनाव?
भाजपा, जो हाल ही में संपन्न नौ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में छह सीटें जीतकर उत्साहित है, इस सीट पर भी अपना परचम लहराने की कोशिश करेगी. वहीं, सपा अपनी प्रतिष्ठा बचाने और 'पीडीए' (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) के समीकरण के सहारे इस हाई-प्रोफाइल सीट पर अपना कब्जा बनाए रखने की पूरी कोशिश में है.
पिछले उपचुनाव का परिणाम क्या कहता है?
हाल ही में नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मुरादाबाद की कुंदरकी जैसी सपा के गढ़ मानी जाने वाली सीट पर जीत हासिल की. भाजपा ने कुल छह सीटें जीतीं, जबकि उसकी सहयोगी पार्टी रालोद को एक सीट मिली. सपा ने सीसामऊ और करहल सीटें जीतीं, लेकिन वोट प्रतिशत में गिरावट देखी गई.
राजनीतिक रणनीतियां और मुद्दे
मिल्कीपुर में भाजपा 'बंटेंगे तो कटेंगे' जैसे नारों के जरिए हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की रणनीति अपना सकती है. वहीं, सपा अपने 'पीडीए' यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक समीकरण पर भरोसा कर रही है. यह सीट सपा के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां सपा का प्रभाव पहले से रहा है. मिल्कीपुर सीट पर भाजपा और सपा के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है. दोनों पार्टियां इस सीट को जीतकर आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी स्थिति मजबूत करना चाहेंगी.
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